मध्य प्रदेश में 7 कराेड़ रुपयाें के राशन घाेटाले का पर्दाफाश हुआ है.लाेगाें काे दिया जाने वाला अनाज बीच में ही बेचकर राशन चाेर कराेड़ाें के गेहूं- चावल खा गए. ऑनलाइन सिस्टम में भी राशन चाेराें ने सेंध लगाकर कराेड़ाें का राशन हड़प लिया.ग्वालियर जिले में हर महीने गरीबाें काे 540 दुकानाें से 60 हजार ्निवंटल राशन का वितरण किया जाता है. राशन के वितरण की व्यवस्था ऑनलाइन है.ऑनलाइन सिस्टम में भी राशन चाेराें ने सेंध लगा दी. करीब 7 कराेड़ का राशन हड़पा गया. राशन कार्ड में लाभार्थियाें के नाम हाेने के बावजूद उन तक अनाज नहीं पहुंचा और राशन चाेराें ने इसे रास्ते में ही बेच दिया. पीओएस मशीन पर पूरा राशन दिख ताे रहा था, लेकिन जब अधिकारियाें ने माैके पर जाकर देखा ताे गेहूं व चावल गायब मिला. इस मामले में एफआईआर भी दर्ज हाे चुकी है, राशन का पैसा वसूल नहीं हाे पा रहा है. सरकार ने राशन वितरण में फर्जीवाड़ा राेकने के लिए व्यवस्थाओं में बदलाव किया है. खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा हितग्राही व दुकान का वेरिफिकेशन किया गया.
सत्यापन में खुलासा हुआ कि हितग्राही कम हैं और डीलर्स आवंटन ज्यादा ले रहे.पीओएस मशीन का मिलान किया ताे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ. ये ठग 2019 से राशन हड़प रहे थे. वहीं दूसरी ओर डबरा में सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा हुआ.यहां पर 65 दुकानाें पर 6 कराेड़ का राशन हड़पा गया.अभी आधी दुकानाें के स्टाॅक का मिलान हुआ है. जिले में गबन 20 कराेड़ तक पहुंच सकता है. आधार 92 फीसदी हितग्राही का वेरिफिकेशन (सत्यापन) हाे चुका है. अब 5 साल तक के बच्चे व 80 साल से ऊपर के बुजुर्ग बचे हैं, जिनका सत्यापन हाेना है, लेकिन इनके फिंगर प्रिंट नहीं आ रहे हैं. इस कारण सत्यापन नहीं हाे सका है. मृतक, विवाह के बाद मायका छाेड़ चुकी युवतियाें के नाम बाहर हाे चुके हैं. मृतकाें के नाम से भी बड़ी मात्रा में राशन जा रहा था.