पुणे, 5 अगस्त (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क) सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मनपा चुनाव प्रक्रिया को गति मिली है. प्रभाग रचना और अन्य प्रशासनिक कार्य पूरे किए जा रहे ह्ैं. इसी प्रक्रिया में सत्ताधारी दल, विशेष रूप से भाजपा का हस्तक्षेप गंभीर चिंता का विषय बन गया है, ऐसा आरोप महाविकास आघाड़ी ने लगाया है. महाविकास आघाड़ी का आरोप है कि भाजपा अपने राजनीतिक लाभ के लिए वार्डों की रचना मनमाने तरीके से कर रही है और शहर में धार्मिक तथा जातीय तनाव फैलाने वाली शक्तियों को बढ़ावा दे रही है. इस पूरे घटनाक्रम में पुणे मनपा प्रशासन और पुलिस प्रशासन के कुछ अधिकारी भाजपा को सहयोग कर रहे हैं, ऐसा गंभीर आरोप भी महाविकास आघाड़ी ने लगाया है.
इस संदर्भ में सोमवार को महाविकास आघाड़ी के प्रमुख नेताओं ने पुणे मनपा आयुक्त नवल किशोर राम और पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार से मुलाकात की. नेताओं ने स्पष्ट चेतावनी दी कि अगर भाजपा का हस्तक्षेप इसी तरह जारी रहा और मनपा प्रशासन ने समय रहते सुधार नहीं किए, तो प्रभाग रचना को अदालत में चुनौती दी जाएगी.
महाविकास आघाड़ी नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि सत्ताधारी पार्टी शहर के विभिन्न हिस्सों में जानबूझकर धार्मिक और जातीय तनाव पैदा कर राजनीतिक लाभ लेने की रणनीति अपना रही है.
इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए, आघाड़ी ने पुलिस प्रशासन से मांग की कि वह कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त कार्रवाई करे. इस प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रवादी काँग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के शहराध्यक्ष प्रशांत जगताप, कांग्रेस के शहराध्यक्ष अरविंद शिंदे, शिवसेना के शहर प्रमुख संजय मोरे, गजानन थरकुड़े, विधायक बापू पठारे, पूर्व राज्यमंत्री बालासाहेब शिवरकर, पूर्व विधायक जयदेवराव गायकवाड़, पूर्व महापौर अंकुश काकड़े, कमल व्यवहारे, वसंत मोरे, रवींद्र मालवदकर, सुनील माने, किशोर कांबले, सुजीत यादव, आसिफ शेख समेत महाविकास आघाड़ी के कई पदाधिकारी व कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित थे.