मुंबई, 8 अगस्त (वि.प्र.) एलआईसी ने वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में समेकित लाभ में 4% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की, जो 10,957 करोड़ तक पहुँच गया. नए व्यवसाय का मूल्य (वीएनबी) 20.75 प्रतिशत बढ़कर 1,944 करोड़ हो गया, जबकि शुद्ध वीएनबी मार्जिन 150 आधार अंकों की वृद्धि के साथ 15.4 प्रतिशत हो गया. तिमाही के लिए एलआईसी का समेकित लाभ 10,957 करोड़ रुपये रहा , जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में यह 10,544 करोड़ रुपये था. समीक्षाधीन तिमाही में एलआईसी की शुद्ध प्रीमियम आय 4.7 प्रतिशत बढ़कर 1,19,618.41 करोड़ रुपये रही. पिछले वर्ष इसी तिमाही में यह 1,14,230.24 करोड़ रुपये थी. तिमाही के दौरान व्यक्तिगत व्यवसाय में गैर-सममूल्य एपीई (वार्षिक प्रीमियम समतुल्य) हिस्सेदारी 30.34 प्रतिशत रही, जबकि पिछले वर्ष इसी तिमाही में यह 23.94 प्रतिशत थी. व्यक्तिगत व्यवसाय गैर-सममूल्य एपीई 32.63 प्रतिशत बढ़कर 2,142 करोड़ रुपये हो गया. समूह व्यवसाय एपीई 16.14 प्रतिशत बढ़कर 5,590 करोड़ रुपये हो गया , जबकि समग्र एपीई 9.45 प्रतिशत बढ़कर 12,652 करोड़ रुपये हो गया. नये व्यवसाय का मूल्य (वीएनबी) 20.75 प्रतिशत बढ़कर 1,944 करोड़ रुपये हो गया , जबकि शुद्ध वीएनबी मार्जिन 150 आधार अंक बढ़कर 15.4 प्रतिशत हो गया. एलआईसी के सीईओ और एमडी आर दोरईस्वामी ने कहा, साल-दर-साल आधार पर वीएनबी मार्जिन 150 बीपीएस बढ़कर 15.4 प्रतिशत हो गया है, जबकि इस तिमाही में हमारा व्यय अनुपात 140 बीपीएस घटकर 10.47 प्रतिशत हो गया है. एलआईसी की प्रबंधनाधीन परिसंपत्ति (एयूएम) में पिछले वर्ष की तुलना में 6.47 प्रतिशत की अच्छी वृद्धि हुई और यह 57.05 लाख करोड़ रुपये हो गई. एलआईसी ने कहा कि प्रथम वर्ष की प्रीमियम आय (एफवाईपीआई) (आईआरडीएआई के अनुसार) द्वारा मापी गई बाजार हिस्सेदारी के संदर्भ में, यह 63.51 प्रतिशत की समग्र बाजार हिस्सेदारी के साथ भारतीय जीवन बीमा व्यवसाय में बाजार अग्रणी बनी हुई है. कंपनी ने कहा, 30 जून, 2025 को समाप्त तिमाही के लिए, एलआईसी की व्यक्तिगत व्यवसाय में 38.76 प्रतिशत और समूह व्यवसाय में 76.54 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी थी.