सेना का कन्ट्राेल, नेपाल में फिर भी युवाओं की हिंसा जारी

11 Sep 2025 15:48:03
 
 

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ऐसा लगा, जैसे काेलंबाे का परिदृश्य, नेपाल की राजधानी काठमांडाे में उतर आया हाे. नेताओं-नाैकरशाहाें- न्यायपालिका और मीडिया के विरुद्ध इतना गुस्सा नेपाल ने पहली बार देखा. संसद भवन, राष्ट्रपति कार्यालय ‘शीतल निवास’ प्रधानमंत्री कार्यालय व निवास और मंत्रियाें की काेठियाें काे आग के हवाले कर दिया गया. पूर्व प्रधानमंत्री, नेपाली कांग्रेस के प्रमुख शेरबहादुर देउबा और उनकी पत्नी आरजू राणा, जाे देश की विदेशमंत्री है, दाेनाें काे बूढ़ा नीलकंठ स्थित आवास में घसीट कर मारा गया. उनके घर काे आग लगा दी.देउबा और उनकी पत्नी काे सेना की सुरक्षा में अस्पताल ले जाया गया है. प्रचंड, जाे सत्ता में नहीं है, उन्हें भी उग्र प्रदर्शनकारियाें ने नहीं बख्शा. प्रचंड के खुमलाटार आवास पर प्रदर्शनकारियाें ने ताेड़फाेड़ की.
 
प्रचंड भी भूमिगत हैं. सेना की सुरक्षा में सबकाे सुरक्षित थानाें पर ले जाया गया है. प्र्रदर्शनकारियाें ने काठमांडाे में उस इमारत काे भी आग लगा दी है. जिसमें देश का सबसे बड़ा मीडिया हाउस, कांतिपुर पब्लिकेशन्स स्थित है.नेता-नाैकरशाह, न्यायपालिका, मीडिया सभी डरे-सहमे.फिर बच ्नया जाता है? भराेसे का इतना बड़ा स्खलन.सब कुछ जैसे भरभरा कर गिर गया हाे.सिंहासन खाली कराे, कि जनता आती है, यह शायद केपी शर्मा ओली भांप चुके थे, तभी सेना प्रमुख की सलाह पर पीएम पद से इस्तीफे की घाेषणा कर दी. मंगलवार सुबह जेनरेशन जेड प्रदर्शनकारियाें ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के बालकाेट, भ्नतपुर स्थित निजी आवास में आग लगा दी. इस्तीफे के बावजूद लाेगाें का गुस्सा ठंडा नहीं हुआ, उन्हाेंने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के ब्लूवाटार स्थित सरकारी आवास में भी आग लगा दी. सरकार में सहयाेगी नेपाली कांग्रेस के मंत्री एक-एक कर इस्तीफा दे चुके थे.
 
3 सितंबर काे चीनी विजय दिवस समाराेह में पीएम ओली उपस्थित थे. उनके काठमांडाे लाैटते ही नेपाली कांग्रेस के नेता शेखर काेइराला चाइना चले गए. वहीं से कल रात निर्देश दिया कि उनकी पार्टी के मंत्री इस्तीफा दें दें. ्नया केपी शर्मा ओली में थिएनानमन स््नवायर जैसा दमन करने की कुव्वत नहीं थी? काठमांडाे में एक इलाका है, भैंसेपाटी. इसके काॅम्प्ले्नस में मंत्रियाें व शीर्ष अधिकारियाें की काेठियां हैं. मंगलवार दाेपहर हाेते-हाेते संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग के घर में आग लगा दी गई, फिर बाकी घर भी धूधू जलने लगे. आगजनी और ताेड़फाेड़ की घटनाओं के बीच नेपाली सेना ने हेलीकाॅप्टराें की मदद से भैंसेपाटी में छुपे मंत्रियाें और उनके परिवार के सदस्याें काे निकालना शुरू कर दिया. मंगलवार काे ही एक नाटकीय घटनाक्रम में, जेन-जेड प्रदर्शनकारियाें ने न्नखू जेल में घुसकर पूर्व मंत्री व पत्रकार रबी लामिद्दाने काे छुड़ा लिया.
 
जेल से भगा ले जाने की यह साहसिक घटना देश भर में जेन-जेड प्रदर्शनकारियाें द्वारा बढ़ती अशांति और लगातार बढ़ रहे दुस्साहसिक कार्याें काे रेखांकित करती है.लेकिन जाे कुछ हुआ, उसमें पहले ओली, फिर प्रचंड और अंत में सुप्रीम अदालत की जिम्मेदारी ताे बनती है.प्रचंड ने ताे केपी शर्मा ओली सरकार द्वारा साेशल मीडिया पर बैन लगाने की आलाेचना की थी. लेकिन, प्रचंड भूल गए थे कि 13 नवंबर,2023 काे सामाजिक सद्भाव पर बढ़ते प्रतिकूल प्रभावाें का हवाला देते हुए उन्हाेंने ही टिकटाॅक पर प्रतिबंध लगा दिया था? अगस्त,2024 में टिकटाॅक ने जब खुद काे रजिस्टर किया, फिर उस पर से बैन हटा. इसी तरह, जुलाई 2024 में टेलीग्राम पर भी धाेखाधड़ी और धन शाेधन में इस्तेमाल के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया था.
 
पहले ओली फिर प्रचंड के कार्यकाल में ही साेशल नेटवर्क काे नकेल पहनाने की शुरूआत हुई थी.केपी शर्मा ओली जब 15 फरवरी, 2018 से 14 मई, 2021 तक प्रधानमंत्री थे, दिसंबर, 2020 में, अधिव्नता बी.पी. गाैतम और अनीता बजगैन ने साेशल मीडिया प्लेटफाॅर्म के माध्यम से विदेशी विज्ञापनाें सहित अप्रतिबंधित प्रसारण पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए रिट दायर की थी. नेपाल से बाहर जाे लाेग है, उन्हें लगता है, ओली सरकार के देहावसान के बाद राजा लाओ देश बचाओ की भविष्यवाणी सही साबित हाेगी. मगर ्नया जेन-जेड आंदाेलनकारी राजतंत्र की वापसी स्वीकार करेंगे? नेपाल में लेफ्ट-राइट दाेनाें पार्टियां जेन-जेड काे समर्थन देने के वास्ते एड़ी-चाेटी लगा रही हैं.
 
काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह ने निराश युवाओं काे प्राेत्साहित किया, बल्कि दुर्गा प्रसाद जैसे राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के नेता और अन्य राजभ्नताें ने आग काे और भड़काने का काम किया.वर्ष 2022 के अंत में न्यूयाॅर्कर र्मैगजीन द्वारा नेपाे वेबी का वर्ष शीर्षक से एक मूल लेख प्रकाशित हाेने के बाद इस शब्द ने और अधिक ध्यान आकर्षित किया. नेपाे बेबी ने किड नेपाे वेबी ने राजनेताओं और धनपशुओं के बच्चाें की विलासितापूर्ण जीवनशैली काे उजागर किया था. नेपाल में अघाया हुआ एक ्नलास है, जिसके नेपाे किड्स इंस्टा और टिकटाॅक पर अपनी हाई्नलास जीवनशैली का प्रदर्शन करते हैं, लेकिन यह कभी नहीं बताते किपैसा कहां से आता है. किंग ज्ञानेंद्र के वंशज भी ताे नेपाे किड्स हैं.
-पुष्परंजन
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