यहां हर नेता अपने अनुयायियाें के पीछे चल रहा है. अनुयायियाें के पीछे चलना ही पड़ता है नेता काे.नेता देखता रहता है अनुयायी किस तरफ जा रहा है, उचककर उसके आगे हाे जाता है, जिस तरफ जा रहा हाे. अनुयायी अगर कहने लगे समाजवाद, ताे नेता समाजवाद की जय बाेलने लगता है. अगर अनुयायी कहने लगे साम्यवाद ताे नेता साम्यवाद की जय बाेलने लगता है. उसे मतलब नहीं है; उसे मतलब सिर्फ एक बात से है कि तुम जाे बाेलाे, मैं उसे ज्यादा जाेर से बाेलूंगा. मैं तुम्हारे आगे हूं. बस इतना भर पक्का रहे कि मैं तुमसे आगे हूं. मुल्ला नसरुद्दीन एक दिन बाजार से अपने गधे पर बैठा जा रहा है, तेजी से! किसी ने पूछा कि नसरुद्दीन, बड़ी तेजी से जा रहे हाे, कहां जा रहे हाे?
उसने कहा: भई गधे से ही पूछ लाे, क्याेंकि यह गधा बड़ा जिद्दी है और बीच बाजार में भद्द करवा देता है. अगर मैं इसकाे बायें ले जाऊं ताे नहीं जायेगा और जहां इसने बजार देखा, लाेग देखे, फिर ताे यह बड़ी अकड़ में आ जाता है, बड़े तैश में आ जाता है. ताे पहले जब नया-नया लिया था, तब ताे मैं यह भूल कर लेता था कि इसकाे जहां ले जाना है वहां ले जाने की काेशिश करता था. उसमें गांव में हंसी हाेती, बाजार में लाेग कहते कि अरे मुल्ला, तुम्हारा गधा और तुम्हारी नहींमानता! और जितनी मेरी भद्द हाेती उतना यह अकड़ता जाता. अब मैंने एक तरकीब सीख ली है: जैसे ही बाजार आया कि मैं इसे छाेड़ देता हूं लगाम काे, चलाे बेटा, जिस तरफ जाओ वहीं मुझे जाना है.अब देखें कि कैसे तुम बगावत करते हाे! इसीसे पूछ लाे कहां जा रहा है.
गांव के बाहर जाकर फिर मैं इसकाे रास्ते पर लगाऊंगा, मगर अभी ताे मुझे इसके साथ ही जाना पड़ेगा. यह भीड़- भाड़ देखकर बड़ा उत्सुक हाे जाता है राैब जमाने में!नेतागण अनुयायियाें के पीछे चलते हैं.आगे झंडा लिये दिखाई पड़ते हैं, लेकिन उनकी नजर पीछे लगी रहती है कि जनता किस तरफ जा रही है, पूरब कि पश्चिम? हाेशियार नेता उसी काे कहा जाता है, जाे समय रहते रास्ता बदल ले. उन्हीं काे ताे आया-राम गया-राम.... समय रहते देख लें कि अब आदमी कहां जा रहे हैं.देखा बाबू जगजीवनराम काे, आया-राम गया-राम...देख लिया कि जनता कहां जा रही है, जल्दी से उचककर आगे हाे जाओ अगर अपना नेतृत्व बचाना है.