अरुणाचल में प्नके केसांग जिले की कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की छात्राओं ने शिक्षक के लिए अनाेखा शिक्षा मार्च निकालते हुए 65 किमी पैदल चलीं. ये बच्चियां आधी रात 65 किमी पैदल चलीं. इस मार्च में करीब 90 से ज्यादा छात्राएं थीं. स्कूल में शिक्षकाें की कमी से हैं नाराज चल रहीं हैं. रात का अंधेरा और ठंड के बावजूद इन बेटियाें के कदम नहीं रुके.हालांकि इस मामले में इन छात्राओं ने कई बार शिकायतभी कर चुकी हैं. छात्राएं रविवार काे न्यंग्नाे गांव से रातभर 65 किलाेमीटर पैदल मार्च कर साेमवार सुबह लेम्मी जिला मुख्यालय पहुंचीं. नीली यूनिफाॅर्म में छात्राओं का यह मार्च पूरी रात चला. वीडियाे साेशल मीडिया पर वायरल हुए, जिनमें छात्राएं छाता और बैग लेकर नारे लगाती दिखीं.
हालांकि, वीडियाे की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. प्रदर्शन की अगुवाई कक्षा 11 और 12 की छात्राओं ने कउन्हाेंने भूगाेल और राजनीति विज्ञान के शिक्षकाें की नियुक्ति की मांग रखी. पाेस्टराें पर लिखा था- बिना शिक्षक का स्कूल सिर्फ इमारत है. छात्राओं का कहना है कि बार-बार अपील करने के बावजूद विभाग ने सुनवाई नहीं की. आधी रात हुए इस मार्च ने अभिभावकाें और प्रशासन काे हिलाकर रख दिया. गाैरतलब है कि विद्यालय 2011-12 में स्थापित हुआ था और इसे सई डाेनी चैरिटेबल ट्रस्ट नामक एनजीओ संचालित करता है.यहां 90 से अधिक छात्राएं, एक प्रधानाचार्या, वार्डन और 13 शिक्षक हैं. विभाग ने हाल ही में दाे संविदा शिक्षक नियुक्त किए थे और तीन और पदाें के लिए इंटरव्यू भी लिया गया था. छात्राओं के इस मार्च ने तत्काल असर दिखाया और मांगें पूरी कर दी गईं. पक्के केसांग के स्कूल शिक्षा के उप निदेशक (डीडीएसई) दीपक तायेंग ने माना कि शिक्षकाें की कमी है. व्यक्त किया है.