दिव्यांगों को कृत्रिम अंग और उपकरण वितरित

18 Sep 2025 14:39:29
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पुणे, 17 सितंबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क) ‌

‘सेवा ही संकल्प' के नारे को वास्तविकता में बदलते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर 1,200 से अधिक दिव्यांगों को 1,750 से अधिक कृत्रिम अंग और सहायक उपकरण वितरित किए गए. यह कार्यक्रम सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत केंद्रीय मंत्री मुरलीधर मोहोल द्वारा आयोजित किया गया. केंद्रीय मंत्री मुरलीधर मोहोल के नेतृत्व में यह शिविर एसपी कॉलेज के मैदान में आयोजित किया गया था. इस भव्य कार्यक्रम में दिव्यांगों के लिए विभिन्न प्रकार के सहायक उपकरण, कृत्रिम अंग, कान के यंत्र, चलने में मदद करने वाले उपकरण, इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर और विशेष रूप से अंधों के लिए स्मार्टफोन वितरित किए गए. कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, विधायक हेमंत रासने, पुणे मनपा आयुक्त नवल किशोर राम, एयरपोर्ट अथॉरिटी के वाई. के. गुप्ता, संतोष ढोके, एयरपोर्ट के सरबजीत सिंह, भाजपा शहराध्यक्ष धीरज घाटे, कर्णबधिर भाषा दुभाषी माधुरी गाडेकर, अमोल शिंगारे समेत सैकड़ों दिव्यांग उपस्थित थे. लाभार्थियों की सुविधा के लिए पूर्व पंजीकरण, उपकरणों का माप, तकनीकी परीक्षण आदि सभी प्रक्रियाएं व्यवस्थित रूप से की गईं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी द्वारा हर साल सेवा पखवाड़ा आयोजित किया जाता है. इस दौरान देशभर में सामाजिक, स्वास्थ्य, स्वच्छता और सेवा संबंधी कार्यक्रम आयोजित किए जाते ह्‌ैं‍. इसी परंपरा के तहत इस वर्ष दिव्यांगों के लिए सहायक शिविर सेवा भाव की उत्कृष्ट मिसाल साबित हुआ. केंद्रीय मंत्री मुरलीधर मोहोल ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी केवल भारत का नेतृत्व नहीं करते, बल्कि सेवा भाव का प्रतीक ह्‌ैं‍. उनके दृष्टिकोण में ‌‘सत्ता सेवा का अवसर है' हमेशा दिखाई देता है. आज के इस शिविर से भी यही मूल्य सामने आए. दिव्यांगों को केवल सहायक उपकरण नहीं, बल्कि सम्मान, आत्मवेिशास और जीवन की नई उम्मीद मिली. प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री के जन्मदिन के अवसर पर देशभर में लाखों कार्यक्रम हो रहे हैं, लेकिन यह कार्यक्रम विशेष है. ऐसे अच्छे कार्यक्रमों के लिए योजना आवश्यक है. प्रधानमंत्री ने ‌‘अपंग' शब्द का उपयोग न करके दिव्यांग कहा और सभी दिव्यांगों को न्याय देना उनके उद्देश्य में शामिल है. पुणे मनपा आयुक्त ने कहा, केंद्र, राज्य और स्थानीय स्तर पर दिव्यांगों के लिए अच्छे प्रयास जारी हैं. इस कार्य में निजी संस्थाओं की सक्रिय भागीदारी भी अपेक्षित है. कार्यक्रम का संचालन हर्षल दारकुंडे ने किया.  
 
 
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