महिलाओं को निवेश करना भी सीखना होगा : अमृता फडणवीस

23 Sep 2025 10:12:43

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 पुणे, 22 सितंबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
  
सशक्तिकरण केवल शिक्षा तक सीमित नहीं है और महिलाओं को अपनी स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए अपने धन का प्रबंधन और उचित निवेश करना भी सीखना होगा, यह विचार मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित बैंकर, गायिका और सामाजिक कार्यकर्ता अमृता फडणवीस ने कहा. उन्होंने यह विचार सक्षम स्किल डेवलपमेंट के सहयोग जीतो पुणे लेडीज विंग द्वारा आयोजित ‌‘एम्पॉवर हर, एम्पावर ऑल‌’ कार्यक्रम में व्यक्त किये. यह कार्यक्रम शनिवार 20 सितंबर को शेरेटन ग्रैंड होटल में आयोजित किया गया था. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस ने उद्यमियों, पेशेवरों और समुदाय के सदस्यों को संबोधित करते हुए आगे कहा कि हम अक्सर मानते हैं कि महिलाओं को शिक्षित करना ही पर्याप्त है. लेकिन जब तक वह आर्थिक रूप से जागरूक नहीं होंगी और सही निवेश निर्णय नहीं लेंगी, तब तक वें वास्तव में स्वतंत्र नहीं हो सकतीं.
 
 
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कार्यक्रम में महिला सशक्तिकरण, सूचित निर्णय लेने, अवसरों तक समान पहुंच और लैंगिक समानता के महत्व पर प्रकाश डाला गया और इस बात पर जोर दिया गया कि जैन उद्योगपतियों, व्यवसायियों, पेशेवरों और महिला नेताओं के एक वैेिशक निकाय, जैन इंटरनेशनल ट्रेड आर्गेनाइजेशन (जेआईटीओ) का एक हिस्सा, जीतो लेडीज विंग, पूरे भारत में 18,000 से अयादा महिला सदस्यों के साथ कार्यरत है. यह व्यावसायिक नेटवर्किंग, उद्यमिता और सामुदायिक विकास के लिए महिलाओं को एक मंच प्रदान करता है.
 
 
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इस अवसर पर मुख्य अतिथियों में जीतो अपैक्स के प्रेसिडेंट विजय भंडारी, श्रीनाथ भीमले, सम्राट थोरात, विजयकांत कोठारी, सुजीत भटेवरा, प्रियंका परमार, जिनेंद्र लोढ़ा, इंद्रकुमार छाजेड़ (चेयरमैन), चेतन भंडारी, दिलीप जैन, रंजन साकला, भरत भंडारी, खुशाल चोरड़िया, लकिशा मर्लेचा उपस्थित रहे. इस कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रकाश ओसवाल एवं शशि भंडारी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया. इस अवसर पर जीतो पुणे लेडीज विंग की अध्यक्ष पूनम ओसवाल और मुख्य सचिव अचला भंडारी ने कहा कि जितो लेडीज विंग समाज की मजबूत दीवार, सपनों को सच करने वाली, शक्ति और संस्कार हैं. पुणे शाखा महिलाओं को इन नेटवर्कों का लाभ उठाकर अपने उद्यमों को बढ़ाने और अपने सामाजिक प्रभाव को मजबूत करने में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है. सशक्तिकरण केवल संसाधनों से ही नहीं, बल्कि एकजुटता और सामूहिक सहयोग से भी आता है. नारी का आत्मवेिशास ही उसकी सबसे बड़ी पहचान है.
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