मल्होत्रा विकफील्ड फाउंडेशन का 19वां वार्षिक पुरस्कार समारोह संपन्न ‌

25 Sep 2025 15:20:09
 
vsds 
 
विमाननगर, 24 सितंबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)

 मल्होत्रा विकफील्ड फाउंडेशन (एमडब्ल्यूएफ) का 19वां वार्षिक पुरस्कार समारोह रविवार 14 सितंबर को विमाननगर के सिम्बायोसिस ईशान्या भवन में संपन्न हुआ. कार्यक्रम में एमडब्ल्यूएफ एडवाइजरी बोर्ड के चेयरमैन डॉ. आर. ए. माशेलकर, नेशनल सेंटर फोर सेल साइंस कॉम्प्लेक्स की डायरेक्टर (अतिरिक्त प्रभार) डॉ. शर्मिला बापट, एमडब्ल्यूएफ के उपाध्यक्ष और फाउंडेशन के ट्रस्टी अेिशनी मल्होत्रा, प्रबंध ट्रस्टी रितु मल्होत्रा, एडवाइजरी बोर्ड एमडब्ल्यूएफ के सदस्य प्रदीप भार्गव, एमडब्ल्यूएफ की सूत्रधार मंजरी गोखले जोशी, विज्ञान और इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि से प्रदीप भार्गव एवं एमडब्ल्यूएफ के अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे. इस अवसर पर एमडब्ल्यूएफ के उपाध्यक्ष और फाउंडेशन के ट्रस्टी अेिशनी मल्होत्रा ने छात्रवृत्ति की उत्पत्ति पर जानकारी दी. प्रबंध ट्रस्टी रितु मल्होत्रा ने एमडब्ल्यूएफ ने केवल शुद्ध विज्ञान के अध्ययन को ही क्यों समर्थन देने का निर्णय लिया. इस अध्ययन के रोचक पहलुओं और अनगिनत लाभों को गिनाया और समझाया. उन्होंने एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक के कथन को बताते हुए निष्कर्ष निकाला कि यदि किसी राष्ट्र को गरीबी से बाहर निकालने की कोई आशा है, तो वह विज्ञान और प्रौद्योगिकी में निवेश करके ही संभव है. विज्ञान को महत्व देकर ही हम अपनी अर्थव्यवस्था में सुधार कर सकते हैं. इसी क्षेत्र में विद्यार्थियों को अपने जीवन में कुछ अलग, कल्पनाशील और अभिनव करने का अवसर मिलता है. इसके अतिरिक्त एमडब्ल्यूएफ की सूत्रधार उर्मिला दीक्षित ने ‌‘कॉर्पोरेट संस्कार' के बारे में बात की और संदेश दिया कि अनुशासित रहें, प्रतिबद्ध रहें और समय का सम्मान करें. इस कार्यक्रम में स्कॉलर्स के एक छोटे संवाद नाटक के माध्यम से प्राचीन भारत के तीन आविष्कारों का परिचय दिया गया, इसमें नागार्जुन - धातु विज्ञान, ऐतिहासिक भारतीय चिकित्सक आचार्य चरक, सुश्रुत : भारत की शल्य (सर्जरी) चिकित्सा विरासत, शून्य की कहानी शामिल थी. मैनेजिंग ट्रस्टी प्रीति मल्होत्रा ने साक्षात्कार संकाय द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर विशेष जोर देते हुए, नए स्कॉलर्स की वास्तविक प्रक्रिया, प्रसंस्करण और चयन पर संक्षिप्त जानकारी दी. एच. वी. देसाई कॉलेज के फैकल्टी सदस्यों को भी सम्मानित किया गया. इस कार्यक्रम में अेिशनी मल्होत्रा द्वारा आभार व्यक्त किया गया. समापन में शुद्ध विज्ञान के अंतर्गत स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी कर रहे मेधावी और योग्य स्कॉलर्स को सम्मानित किया गया और छात्रवृत्ति प्रदान की गई.  
 
  जुनून के साथ सपनों पर ध्यान केंद्रित करें : डॉ. माशेलकर
 डॉ. माशेलकर ने अपने त्रि-सूत्रीय सूत्र सबसे साझा किये. इसमें शामिल हैं. एम- एम-एल यानी अधिक बनाएं, लेकिन कम में अधिक उपयोग करें; एल-एल-एम : कम बनाएं, अधिक में कम उपयोग करें; एम-एल-एम : अधिक बनाएं, अधिक में कम उपयोग करें. उन्होंने संदेश दिए कि आंखें वह नहीं देख पातीं जो मन नहीं जानता. हमेशा ऊंची आकांक्षाएं रखें. उद्देश्य, दृढ़ता और जुनून के साथ अपने सपनों पर ध्यान केंद्रित करें. अवसरों के आपके दरवाजे पर दस्तक देने का इंतजार न करें. अपने दरवाजे खुद बनाएं और अवसरों को अपने दरवाजे पर दस्तक देने दें. हमेशा कहें मेरा सर्वश्रेष्ठ अभी आना बाकी है.
 
Powered By Sangraha 9.0