कात्रज, 24 सितंबर (आ.प्र.) पड़ोसी देश कुछ भी करें, कश्मीरी जनता उन्हें कभी समर्थन नहीं देगी. कश्मीरी जनता का देश सेवा में बड़ा योगदान है. पड़ोसी देशों ने वहां अराजकता फैलाई और हिंसा की, लेकिन कश्मीरी जनता ने बार-बार यह साबित किया कि वे देश का अविभाज्य हिस्सा हैं. कश्मीरी जनता के इन प्रयासों को सरहद जैसी संस्थाओं ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है. कश्मीर के साथ पूरा देश खड़ा है, यह सरहद ने दिखाया है, ऐसा गौरवोद्गार ज्येष्ठ नेता शरद पवार ने बुधवार को व्यक्त किया. कश्मीर के वरिष्ठ विचारक, सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षा विशेषज्ञ विजय दुर्गाप्रसाद धर के नाम पर सरहद ग्लोबल स्कूल और जूनियर कॉलेज परिसर में स्थापित विजय धर एम्फी थिएटर के उद्घाटन अवसर पर शरद पवार मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे. यह कार्यक्रम सरहद संस्था के कात्रज परिसर, गुजरवाड़ी शैक्षणिक संकुल में आयोजित किया गया. मंच पर पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री सुशीलकुमार शिंदे, विजय धर, उनकी पत्नी कविता धर, कन्या कनिका धर, सरहद संस्था के संजय नहार, प्राचार्य सुषमा नहार, संतसिंग मोखा, ट्रस्टी डॉ. शैलेश पगारिया, ट्रस्टी शैलेश वाडेकर, आर्किटेक्ट इमरान शेख, वसंत मोरे और अन्य मान्यवर उपस्थित थे. शरद पवार ने कहा कि पुणे शिक्षा, उद्योग, संस्कृति और आईटी सहित कई क्षेत्रों में आदर्श शहर है. पंजाब कभी देश का अनाज भंडार था और उसका योगदान महत्वपूर्ण है. सुशीलकुमार शिंदे ने कहा कि विजय धर के विभिन्न कार्यों से वह परिचित हैं. शिक्षा और सामाजिक क्षेत्र में उन्होंने कश्मीर में बड़ा योगदान दिया. उनके पिता दुर्गाप्रसाद जी इंदिरा गांधी के कार्यकाल में सलाहकार थे और विजय धर भी राजीव गांधी के कार्यकाल में सलाहकार रहे. कश्मीर में उनकी शैक्षणिक संस्थाएं और कार्य सर्वोत्तम माने जाते हैं. उनके कार्य का सम्मान करते हुए सरहद ने एम्फी थिएटर स्थापित किया है, जो प्रशंसनीय है. विजय धर ने शरद पवार के साथ अपने स्नेह का उल्लेख किया और बताया कि पवार ने उन्हें बारामती में आमंत्रित किया और वहां किए गए कार्य दिखाए. कश्मीर में मुख्य रूप से शिक्षा क्षेत्र में सकारात्मक प्रयास किए गए, जिसमें संजय नहार ने माध्यम बनकर सहयोग किया. संजय नहार ने प्रास्ताविक भाषण में शरद पवार और सुशीलकुमार द्वारा समय-समय पर किए गए योगदान के लिए आभार व्यक्त किया. कार्यक्रम की शुरुआत नवकार मंत्र और राज्यगीत से हुई्. स्वागत किया गया संतसिंग मोखा, वसंत मोरे, डॉ. शैलेश पगारिया द्वारा. गुजरवाड़ी शैक्षणिक संकुल में कार्य कर रहे सहयोगियों का सम्मान मान्यवरों द्वारा किया गया. लेशपाल जवलगे ने आभार माना और नीरजा आपटे ने सूत्रसंचालन किया.
सरहद जैसी संस्थाओं का सामाजिक दायित्व महत्वपूर्ण कश्मीर में लंबे समय तक परिस्थितियां अस्थिर और चिंताजनक रहीं, जिससे शिक्षा क्षेत्र प्रभावित हुआ. लेकिन विजय धर और सरहद जैसी संस्थाओं ने सामाजिक दायित्व समझकर इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किया. कश्मीर देश का अविभाज्य भाग है और हमेशा रहेगा. कश्मीर के छात्रों के लिए शिक्षा संबंधी कार्यों को विजय धर और सरहद संस्था के माध्यम से संजय नहार ने लागू किया. इसे शरद पवार ने महत्त्वपूर्ण प्रयास बताया.