अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने बैंक अहम भूमिका निभाएं !

26 Sep 2025 15:15:09
 
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पुणे, 25 सितंबर (आ.प्र.)

देश के आर्थिक विकास में वित्तीय व्यवस्था को बढ़ावा देने वाली संस्थाओं की भूमिका और योगदान बेहद अहम है. देश की अर्थव्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए बैंकों को भी अब से बेहद अहम भूमिका निभानी होगी. आर्थिक विकास को तेज गति से बढ़ावा देने के लिए तकनीक बेहद जशरी है, लेकिन इसके साथ ही बैंकों को नवाचार की दृष्टि से भी योगदान देना होगा. यह विचार केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने व्यक्त किए. बैंक ऑफ महाराष्ट्र की 91वीं वर्षगांठ के अवसर पर पुणे में गुरूवार (25 सितंबर ) को होटल जे डब्लू मेरिएट में दोपहर 1 से 4 बजे तक एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण बोल रही थीं. वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम नागराजन, बैंक ऑफ महाराष्ट्र की अध्यक्ष और सीईओ निधु सक्सेना आदि मंच पर उपस्थित थे. बाणेर में बैंक ऑफ महाराष्ट्र के नए कॉर्पोरेट कार्यालय का उद्घाटन और मोबाइल बैंकिंग ऐप जेन लाइफ का विमोचन वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा कार्यक्रम के ऑनलाइन के माध्यम से उद्घाटन किया. अतिथि देवो भवः यह हमारी संस्कृति हैं, वैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नागरिक कों के विकास हेतु, नागरिक देवो भवः यह मंत्र दिया है. टैक्स पॉलिसी और बैंकिंग पॉलिसी में भी सामान्य नागरिकों की भी भूमिका हमेशा ही अहम रहती है. इसलिए सामान्य नागरिकों के विकास को मद्देनजर रखते हुए बैंकों और फाइनेंंसियक इंस्टीट्यूट ने भी टैक्स पॉलिसी और बैंकिंग पॉलिसी को ग्राहक-केंद्रित बनाना बेहद जशरी है. निधु सक्सेना ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने केंद्र सरकार की कई योजनाओं को आम लोगों तक पहुंचाया है. किसानों, छोटे उद्यमियों और आम नागरिकों को बेहतर बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रयासों की आवश्यकता है. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को जमीनी स्तर पर जाकर 2047 के विकसित भारत के लिए काम करने की आवश्यकता है. बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना 1935 में हुई. तब से देश के प्रगति हेतु बैंक का योगदान रहा है. 
 
युवाओं का योगदान भी प्रशंसनीय

भारत में विशाल युवा शक्ति है. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को युवाओं को आकर्षित करने के लिए अपनी सेवाओं में तकनीक का उपयोग करना चाहिए. उन्हें छोटे व्यवसायों के लिए ऋण और अन्य सेवाएं प्रदान करने का प्रयास करना चाहिए. भारत के उभरे हुए अर्थव्यवस्था में युवाओं का योगदान भी प्रशंसनीय हैं. कोविड के बाद भारत की अर्थव्यवस्था दुबारा उछाल कर मजबूत स्थिति मे पहूंची है. दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था के ओर हम अभी अग्रसर हैं. देश की जीडीपी में भी 7.8 प्रतिशत वृद्धि हुई है. दुनिया के अन्य देशों से भी भारत की बढती अर्थव्यवस्था की प्रशंसा होने लगी है.
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