पहली बार चलती ट्रेन से अग्नि मिसाइल का परीक्षण

26 Sep 2025 16:53:44
 
 
 
 

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भारत ने बुधवार की देर रात रेल पर बने माेबाइल लाॅन्चर सिस्टम के जरिए अग्नि-प्राइम मिसाइल की टेस्टिंग की. यह कैनिस्टराइज्ड लाॅन्चिंग सिस्टम से लाॅन्च की गई. इसके लिए ट्रेन काे विशेष रूप से डिजाइन किया गया.यह ट्रेन देश के हर उस काेने तक जा सकती है, जहां रेल लाइन माैजूद है.रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इसकी जानकारी दी. टेस्ट ओडिशा के चांदीपुर इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से किया गया. इस टेस्ट ने भारत काे उन चुनिंदा देशाें के ग्रुप में शामिल कर दिया है जिनके पास रेल नेटवर्क से मिसाइल लाॅन्च करने वाला कैनिस्टराइज्ड लाॅन्चिंग सिस्टम है. भारत से पहले रूस, चीन और नाॅर्थ काेरिया माेबाइल रेल लाॅन्चर का टेस्ट कर चुके हैं. लिस्ट में अमेरिका का नाम भी शामिल है, लेकिन उसने पुष्टि कभी नहीं की. अग्नि प्राइम मिसाइल 2000 किलाेमीटर तक की मारक क्षमता के लिए डिजाइन की गई है.जाे एडवांस्ड फीचर से लैस है.
 
राजनाथ ने लिखा, स्पेशल रूप से डिजाइन किया गया रेल बेस्ड माेबाइल लाॅन्चर अपनी तरह का पहला सिस्टम है, जाे हर तरह के रेल नेटवर्क पर चल सकता है.इसके जरिए सेना मिसाइल काे रात केअंधेरे और धुंध भरे इलाके से भी कम समय में लाॅन्च कर सकती है. युद्ध के दाैरान सेना काे लाॅन्चिंग पाॅइंट तक जाने वाली रेल लाइन की जरूरत हाेती है. रेल बेस्ड कैनिस्टराइज्ड लाॅन्चिंग सिस्टम का मतलब यह भी है कि सेना दुश्मन की नजराें से बचाने के लिए अपनी मिसाइलाें काे रेल सुरंगाें में छिपा भी सकती है.गाैरतलब है कि 70 हजार किलाेमीटर रेल लाइन के साथ भारतीय रेलवे दुनिया का चाैथा सबसे बड़ा नेटवर्क है.दक्षिण में कन्याकुमारी, उत्तर में बारामूला, पूर्व में साइरंग और पश्चिम में ओखा देश के सबसे रिमाेट रेलवे स्टेशन हैं.यानी यहां तक रेल कनेक्टिविटी है. यह मिसाइल लाॅन्च करने की एक माॅडर्न तकनीक है. इसमें मिसाइल काे एक मजबूत कैनिस्टर (बड़े धातु के कंटेनर) में रखा जाता है.यह कैनिस्टर मिसाइल काे सुरक्षित रखता है और आसानी से इधर-उधर ले जाने और लाॅन्च के लिए तैयार रखता है.
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