शिवाजीनगर, 29 सितंबर (आ.प्र.) सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट (एसआईबीएम), पुणे, सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी और भारतीय वायु सेना के बीच शनिवार (27 सितंबर) को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए. इस साझेदारी के माध्यम से, वायु सेना के विभिन्न स्तरों के लिए कई पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे. ये पाठ्यक्रम वायु सेना अधिकारियों की सेवानिवृत्ति के बाद के करियर के अवसरों को बढ़ाएंगे, साथ ही पीएचडी के अवसर भी प्रदान करेंगे. इस अवसर पर बोलते हुए, डॉ. विद्या येरवड़ेकर (सिम्बायोसिस की महानिदेशक और सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी की प्रो-चांसलर) ने कहा कि यह सहयोगात्मक पहल सिम्बायोसिस संकाय और वायु सेना अधिकारियों के लिए एक समृद्ध शैक्षिक अनुभव होगा. नेतृत्वकारी भूमिकाओं में कार्यरत अनुभवी पेशेवरों को पढ़ाना चुनौतीपूर्ण होने के साथ-साथ समान रूप से लाभदायक भी है. एयर मार्शल एस. के. विधाते ने कहा, प्रवेश और सेवाकालीन प्रशिक्षण के अलावा, वायु सेना अपने कर्मियों की शैक्षिक योग्यता बढ़ाने पर विशेष जोर देती है. इस तरह के शैक्षिक प्रशिक्षण से वायु सेना को आधुनिक ज्ञान, अवधारणाएं और विधियां प्राप्त होती हैं. इस संदर्भ में, सिम्बायोसिस के साथ हमारा सहयोग विशेष रूप से महत्वपूर्ण है. इस कार्यक्रम में एयर वाइस मार्शल एच. एस. सिधाना, ग्रुप कैप्टन योगेश त्रिपाठी, ग्रुप कैप्टन मोनिका बिजलानी, स्क्वॉड्रन लीडर उर्मिला, विंग कमांडर भवन सिंह और उनकी टीम ने भाग लिया. सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी की ओर से लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. एम. ए. तुतकाने, एयर मार्शल भूषण गोखले, डॉ. एम. एस. शेजुल (रजिस्ट्रार) और डॉ. श्रीरंग अलतेकर (निदेशक, एसआईबीएम पुणे) उपस्थित थे.