दंती मूल का उपयाेग संभलकर करें

08 Sep 2025 15:22:38
 

Health 
 
भारत में आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाें का इस्तेमाल सदियाें से किया जा रहा है. अश्वगंधा, सफेद मूसली और भी कई औषधियां हैं, जिनका सेवन लाेग विभिन्न प्रकार की बीमारियाें से राहत पाने के लिए करते हैं.इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण औषधि है, दंती मूल जिसे आयुर्वेद में तीव्र विरेचक के रूप में जाना जाता है. दंती मूल सिर्फ पेट ही साफ नहीं करता है. बल्कि इसका उपयाेग अन्य बीमारियाें में भी किया जाता है. अगर इसका सेवन सीमित मात्रा में किया जाए, ताे यह स्किन प्राॅब्लम जैसे फाेड़े-फुंसी, ए्निजमा खुजली और साेरायसिस काे दूर कर सकता है.इतना ही नहीं पिंपल्स और ए्नने की परेशानी काे भी दूर करने में दंती मूल में कई तरह के पाेषक तत्व हाेते हैं, जाे शरीर में कफ और वात दाेष काे संतुलित करते हबदलते माैसम म जिन लाेगाें काे अ्नसर सर्दी, खांसी और जुकाम की परेशानी हाेती है, वाे अगर दंती मूल का सेवन करें, ताे उन्हें इसका फायदा मिल सकता है.दंती मूल के तत्व शरीर की इम्युनिटी काे मजबूत बनाकर संक्रमित बीमारियाें का भी खतरा कम करते ह
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